आसमां के चादर में जड़े सितारों सी
बसी तेरी सांसे, मेरी सांसों में ।
तू कहे तो ला दूं
झिलमिलाती चादर को
तेरे लिए।
झरनों की कल-कल निनाद
करती जल-तरंगों को
ला दूं तेरे लिए।
तू कहे तो ला दूं
ऊषा की रश्मि किरणों को
सजा दूं तेरे चेहरे को।
तू कहे तो ला दूं
उष्णता से शीतलता को
छू जाए तेरे बदन को।
ला दूं तेरे लिए
फूलों की रंगत
संवार दूं तेरे यौवन को।
तू कहे तो ला दूं
गुलमोहर के रक्ताभ पुष्पों को
लालिम कर दे तेरे होठों को।
तू कहे तो ला दूं
धरती के धानी आंचल को
ढक दे तेरे दामन को।।
बसी तेरी सांसे, मेरी सांसों में ।
तू कहे तो ला दूं
झिलमिलाती चादर को
तेरे लिए।
झरनों की कल-कल निनाद
करती जल-तरंगों को
ला दूं तेरे लिए।
तू कहे तो ला दूं
ऊषा की रश्मि किरणों को
सजा दूं तेरे चेहरे को।
तू कहे तो ला दूं
उष्णता से शीतलता को
छू जाए तेरे बदन को।
ला दूं तेरे लिए
फूलों की रंगत
संवार दूं तेरे यौवन को।
तू कहे तो ला दूं
गुलमोहर के रक्ताभ पुष्पों को
लालिम कर दे तेरे होठों को।
तू कहे तो ला दूं
धरती के धानी आंचल को
ढक दे तेरे दामन को।।