प्रभू जी सुन लो अरज हमारी
तू ही रब्बा,तू ही मौला,तू ही पालनहार
प्रभू जी........................................।
छाया घनघोर अंधियारा,सुझे न राह कोई
तू ही बता, जाऊं मैं कहां प्रभू जी
प्रभू जी................................।
बन दीपक बरसा रहमत, ओ मेरे मौला
सुन ले पुकार मुझ गरीब की, ओ गरीब नवाज़।
तू ही ईसा,तू ही मूसा, तू ही पालनहार
प्रभू जी........................................।
तरस रही तेरे दरस को,अब तो आन मिलो प्रभू जी
तू ही श्याम, तू ही राम, तू ही पालनहार
प्रभू जी.........................................।
तेरे नूर में डूबा ऐ जग सारा, तेरे इश्क में रंगा ऐ तन मेरा
तू ही अल्ला, तू ही ख़ुदा, तू ही पालनहार
प्रभू जी..........................................।
लगन में झूमे तेरे , ऐ मन मस्त मेरा
आ तू भी झूम ले, ओ मेरे प्रभू जी।