गुरुवार, 15 अक्तूबर 2009

कली

--- साधना राय
डार पे इठलाती,
झूमती
मदमस्त कली
आनंद,
जीवन
भंवरे की मस्ती
आहत,
मर्माहत
जीजिविषा
उजड़ी ज़िन्दगी
डार से गिरी
अधखिली
कालावित।।

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