उसने कहा साथ निभाएंगे,न जाने क्यूं चल दिए,
हम तकते रहे,सोचते रहे, जाने क्यूं चल दिए यूं
क्यूं लाड़ लड़ाया उन पलों को,जब यूं ही चले जाना था
आंखों से बहते आंसू ने पूछा थर्रथराते ओठों से
क्या हुई ख़ता तुझसे,जो चल दिए यूं मुंह मोड़ के
सांसों ने पूछा क्यूं रूक गई धड़कन,पूर्वी पवन के झोकें से
क्यूं बेखबर,बेजान किया,इस बेमरउवत पवन के झोकें ने।।