उसने कहा साथ निभाएंगे,न जाने क्यूं चल दिए,
हम तकते रहे,सोचते रहे, जाने क्यूं चल दिए यूं
क्यूं लाड़ लड़ाया उन पलों को,जब यूं ही चले जाना था
आंखों से बहते आंसू ने पूछा थर्रथराते ओठों से
क्या हुई ख़ता तुझसे,जो चल दिए यूं मुंह मोड़ के
सांसों ने पूछा क्यूं रूक गई धड़कन,पूर्वी पवन के झोकें से
क्यूं बेखबर,बेजान किया,इस बेमरउवत पवन के झोकें ने।।
आंखों से बहते आंसू ने पूछा थर्रथराते ओठों से
जवाब देंहटाएंक्या हुई ख़ता तुझसे,जो चल दिए यूं मुंह मोड़ के
सुन्दर और विचारणीय लेखन
Beautiful creation !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...अच्छी रचना है..
जवाब देंहटाएंनीरज
आदरणीय हर्षिता जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
हर्षिता जी........रचना ने मुझे काफी प्रभावित किया।
जवाब देंहटाएंशब्द और भाव का अद्भुत साम्य लिए हैं क्षणिकाएँ
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लेखन का नमूना हैं...बहुत अच्छा लगा
उसने कहा साथ निभाएंगे,न जाने क्यूं चल दिए,
जवाब देंहटाएंहम तकते रहे,सोचते रहे, जाने क्यूं चल दिए यूं
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आदरणीय हर्षिता जी
सादर प्रणाम
आज आपके ब्लॉग पर आकर मन हर्षित हो गया बहुत सुंदर क्षणिका ...............नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें .....शुक्रिया
आपकी रचना दिल पर असर कर गयी ...शुक्रिया
जवाब देंहटाएंआपको नववर्ष 2011 मंगलमय हो ।
जवाब देंहटाएंआपको नववर्ष 2011 मंगलमय हो ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्दों की बेहतरीन शैली ।
भावाव्यक्ति का अनूठा अन्दाज ।
बेहतरीन एवं प्रशंसनीय प्रस्तुति ।
हिन्दी को ऐसे ही सृजन की उम्मीद ।
धन्यवाद....
satguru-satykikhoj.blogspot.com
जय श्री कृष्ण...आपका लेखन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं....नव वर्ष आपके व आपके परिवार जनों, शुभ चिंतकों तथा मित्रों के जीवन को प्रगति पथ पर सफलता का सौपान करायें .....मेरी कविताओ पर टिप्पणी के लिए आपका आभार ...आगे भी इसी प्रकार प्रोत्साहित करते रहिएगा ..!!
जवाब देंहटाएंआपकी क्षणिका में बहुत ही सुन्दर भाव पिरोये हैं !
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बधाई !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंवाह पर फ़िर कोई पोस्ट नही आई
जवाब देंहटाएंI enjoyed to read this blog. It's great stuff. Each and every topic are excellent.
जवाब देंहटाएंजानकारी अच्छी लगी । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।.
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