बुधवार, 8 सितंबर 2010

चाहत

काफी अंतराल के बाद आज फिर आपकी ख़िदमत में उपस्थित हुई हूं चंद पंक्तियों के साथ इस उम्मीद से कि मुझे आपसे पहले जैसा ही प्यार एवं आशिर्वाद मिलेगा। स्वयं की बिमारी से जूझती हुई पर आप से ज्यादा दिन दूर नहीं रह सकती।

चाहत


जीने की चाह में इतने मशरूफ़ हुए कि

जी रहे हैं हम।


सोचा तो लगा कि कहां जी रहे हैं हम

दिन गिन रहे हैं हम।


उम्मीद है कि दामन छोड़ती ही नहीं कि

जी रहे हैं हम।


जीने की चाह ने आज इस मुकाम पे ला छोड़ा कि

एक तरफ जीने की उम्मीद और एक तरफ

नाउम्मीदी ने रखा है दामन थाम, इस कशमोकश में हैं कि

जाए तो कहां जाए हम।


इस तड़प ने फिर जला दी शमां चाहत जीने की

और फिर से जी रहे हैं हम।।

14 टिप्‍पणियां:

  1. जी
    आपके शु्भागमन बनाम वापस आने का शुक्रिया
    पूरी स्वस्थ्य होने तक कम काम करिये

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  2. बहुत खूब .जाने क्या क्या कह डाला इन चंद पंक्तियों में

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  3. इस तड़प ने फिर जला दी शमां चाहत जीने की
    और फिर से जी रहे हैं हम ...

    प्रेम की ज्योति जीने की शक्ति देती है .... आशा है आपका स्वस्थ अब ठीक होगा ...
    अपना ख्याल रखें ....

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  4. साधना जी,
    नमस्ते!
    पुनरागमन पर स्वागत!
    स्वास्थय के प्रति सचेत रहे!
    रचना अच्छी है मगर, ट्रांसलिटेरेशन का बेहतर इस्तेमाल हो सकता था....

    अब आपकी चाहत के नाम एक सलाम:

    ज़रा उछल के गगन को छू ले तू!
    इस सूर्य किरण को पी ले तू!
    घनघोर तमस से बाहर आ!
    हो रोशनी से रु-ब-रु!
    तेरा जीना भी कोई जीना है!
    एक बार तो ऐसे जी ले तू!

    खुश रहिये!
    आशीष
    --
    बैचलर पोहा!!!

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  5. आप सभी बहुत ही धन्यवाद टिपप्णी देने के लिए।

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  6. अच्छी कविता है इसके शिल्प पर थोड़ी मेहनत और कीजिये ।

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  7. अच्छी लगी आपकी पंक्तियां. आपके स्वस्थ होने की कामना करते हैं ईश्वर से.

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  8. उम्मीद है कि अब तब्यत ठीक होगी ... पंक्तियाँ सुन्दर है ...

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  9. aapki achhi swasthya k liye dua karunga... apne mano-bhaavo par thoda aur mehnat karein....

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  10. Aap ko yadi meri jaroorat mahsoos hui to ek message SOS(sAVE OUR SOUL) BHEJ DIJIYAGA.MAIN AAPKE BAHUT NAZDIK RAHOONGA KYONKI MERA MANANA HAI KI prmartham midam shariram.Good help you.Plz. visit muy blog.

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  11. शब्द नहीं कहने को ,आत,आत्मा अकुलाई है ,

    आपने भी क्या खूब ,ये पंक्तियां पढवाई हैं ,
    सुंदर शब्दों का चयन , संयोजन कर के लाई हैं ,
    दिल से निकली ,रचना ये मन को हमारे भाई है ..
    बहुत बहुत शुभकामनाएं ।


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