ऐ ज़िन्दगी मुझको प्यार है तुमसे
पल पल बीतती ज़िन्दगी,
हर पल नित नूतन रूप दिखाती
खटे-मीठे अनुभव दे जाती
अपने - पराएं का बोध कराती।
पल पल बीतती ज़िन्दगी,
हर पल नित नूतन रूप दिखाती
खटे-मीठे अनुभव दे जाती
अपने - पराएं का बोध कराती।
रूकना ,चलना, गिरना
फिर उठ कर चलना सिखलाती
रात-दिन, फिर रात के बाद
दिन का आनंद दिलाती ।
जीवन पथ के टेढे़-मेढे,पथरीले,
कंटक भरी राहों से गुजर कर
मंजिल तक पहुंचना, सबक़ सिखलाती।
रहगुज़र में रहबर बन जाती है
बिछा देती फूलों को कदमों तले
फिर लगा लेती गले
ऐ ज़िन्दगी मुझको प्यार है तुमसे।
मौत से प्यार करना सिखलाती
तू कितनी ज़िन्दादिल है ज़िन्दगी
इश्क से खुदा को मिलाती है ज़िन्दगी
ऐ ज़िन्दगी, हां मुझको प्यार है तुमसे।
जिन्दगी से प्यार हो तो जिन्दगी खुशगवार हो जाती है
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
मौत से प्यार करना सिखलाती
जवाब देंहटाएंतू कितनी ज़िन्दादिल है ज़िन्दगी
इश्क से खुदा को मिलाती है ज़िन्दगी
ऐ ज़िन्दगी, हां मुझको प्यार है तुमसे।
सभी परिस्थितियों में सन्तुलन बनाये रखना प्रसन्नता की चाबी है।
ज़िंदगी के सरोकारो के संघर्ष को नए अर्थों में बयान करने की कोशिश
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति है!
जवाब देंहटाएंकुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ ही एक सशक्त सन्देश भी है इस रचना में।
जवाब देंहटाएंआपकी रचना अच्छी है
जवाब देंहटाएंआपको बधाई.
जीवन कितना भी गया गुज़रा क्यूँ न हो, मौत से बेहतर है ... ये मैं नहीं कह रहा हूँ ... पूरी दुनिया कहती है ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना !
...बेहतरीन रचना, बधाई !!!
जवाब देंहटाएंसुंदर चित्र .. सुंदर आशा वादी रचना .....
जवाब देंहटाएंsaadhnaa bahn aapke bare men kyaa raay dun aap to khud roy he aapki zindgi jin alfaazon men lipti he qaabile taarif he khub behtrin likhne ke liyen bhaayi. akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंआप सभी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूं तथा आगे भी आपका साथ मिलता रहे,धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंअपने - पराएं का बोध कराती।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना !
...बेहतरीन लिखा ...बधाई.
जवाब देंहटाएंगज़ब लिखतीं है जी आप
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया...आपकी कविता जिंदगी से प्यार करना सिखाती है
जवाब देंहटाएंआप सभी का दिल से धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंsaadhana ji
जवाब देंहटाएंmeri dil se badhayi
itni sundar kavita aapne likhi hai ki kya kahe , zindagi ke saare rang aapki kavita me khil uthe hai.. badhayi ji
मर्मस्पर्शी रचना बधाई स्वीकारें। सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत!
जवाब देंहटाएंमूंह की बात छीन ली हो जैसे!
बधाई हो!
सुन्दर रचना, मन को छू गयी।
जवाब देंहटाएंविजय जी,लखनवी जी,आशीष जी एवं रचना दीक्षित जी आप सभी का बहुत ही धन्यवाद।
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