रविवार, 7 मार्च 2010

आरक्षण

काफी दिनों के बाद आज जब मैं लिखने बैठी तो बहुत सारी बाते ज़हन में उठ रही हैं,समझ में नहीं आ रहा है कि शुरूआत कहां से करूं। मनोज सर हमेशा मुझसे कहते हैं कि कविता के अलावा और कुछ लिखो,चलिए फिर मैं आज से ही इसका श्रीगणेश करती हूं। आरक्षण शब्द काफी जाना पहचाना है। बचपन से ही सुनती आ रही हूं।हमारे जीवन में जैसे रच बस सा गया है। फेबिकोल के मजबूत जोड़ जैसा है,छुडा़ए छुटता ही नहीं।
संविधान में इसे सुशोभित किया गया है, तब से आज तक काफी फल-फूल रहा है, क्यों न हो हमारे कर्णधार,जो सत्ता को सुशोभित करने के साथ-साथ सामाजिक उत्थान में सदैव तत्पर रहते हैं,समाज का कल्याण ही जिनका एक मात्र उद्देश्य है। हमारे प्रिय नेताओं का तो सबसे मूल्यवान मुद्दा है आरक्षण। इसकी वज़ह से तो कई सरकारे आई और चली गई और तोहफे में आत्मदाह,आगजनी,खू़न-खराबा न जाने कितने मूल्यवान तोहफे दिए होंगे जो भुलाएं नहीं भुलाएं जाते,क्या करें,ये हम सबसे प्यार जो इतना करते हैं। कल 8 मार्च है महिला दिवस के नाम। कल महिला आरक्षण बिल पेश किया जाएगा। इसके नाम से ही सियासतदारों में होड़ मच गई है,महिलाओं के हित एवं कल्याण को ध्यान में रखते हुए महिला बिल में 50 प्रतिशत आरक्षण करने के लिए कटिबद्ध है और राजनीति भी गरमा गई है। क्या करें बिचारे काफी सालों से सुकार्य में लगे हैं,लेकिन सफलता ही नहीं मिली। देखते हैं कल क्या होता है,उम्मीद ज्यादा है क्योंकि सत्ता की सिरमौर्य महिलाओं के हाथ में ही है।
कुछ सवाल हैं जो मेरे ज़हन में कुलबुला रहें हैं क्या आज महिला आरक्षण की आवश्यकता है,जहां एक ओर हम कहते हैं कि स्त्री-पुरूष बराबर है,दोनों एक दूसरे के पूरक हैं तथा दोनों एक दूसरे के साथ कदम मिलाकर चल रहें है। महिला आरक्षण के नाम पर उसे पीछे ढकेलने जैसा नहीं होगा। महिलाएं अपना आत्म सम्मान तो पा चुकी हैं और कुछ पाने की राह पर सतत् अग्रसर हैं। महिला आरक्षण के नाम पर नौटकी नहीं तो और क्या। आरक्षण के नाम पर कहीं पीछे ढकेलने की साज़िश तो नहीं, नारी सशक्तिकरण के नाम पर छलावा तो नहीं। क्या आज इस आरक्षण की आवश्यकता है। क्या आरक्षण मिल जाने से मुद्दा खत्म हो जाएगा। डर है कि यह राजनीतिज्ञों की घटिया खेल का हिस्सा न बन कर रह जाए। उम्मीद पर तो दुनिया कायम है, देखते हैं क्या होता है।

7 टिप्‍पणियां:

  1. मनोज जी और रवि जी आपकी प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद।

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  2. अच्छे गद्य़ के साथ अच्छी शुरुआत ।

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  3. धन्यवाद शरद जी एवं संजय जी।शरद जी बहुत दिनों बाद आपकी टिप्पणी मिली। पुनः धन्यवाद।

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