हां प्यार है उनसे
जैसे
चांद को चादनी से
फूलों को खुशबू से
सागर को लहरों से
आसमां को तारों से
तितली को रंगों से
मीन को पानी से
सीप को मोती से
सावन को बादल से
हां प्यार है उनसे
ऐ हवा
ले जा
संदेशा मेरे प्यार का
ले आ
संदेशा उनके प्यार का
कह दे मैं हूं मीरा
मेरे श्याम की
राधा के
गिरधारी की।।
संदेशा मेरे प्यार का
ले आ
संदेशा उनके प्यार का
कह दे मैं हूं मीरा
मेरे श्याम की
राधा के
गिरधारी की।।
हां प्यार है उनसे
जवाब देंहटाएंजैसे
चांद को चादनी से
फूलों को खुशबू से
सागर को लहरों से
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
pyar par bahut hu sunder rachna ...
जवाब देंहटाएंसाधना जी
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा अभिव्यक्ति एवम प्रस्तुति
बधाई
यह बिम्म्ब अच्छा है
जवाब देंहटाएंऐ हवा
ले जा
संदेशा मेरे प्यार का
ले आ
संदेशा उनके प्यार का
कह दे मैं हूं मीरा
मेरे श्याम की
राधा के
गिरधारी की।।
बहुत ही आकर्षक पोस्ट |
जवाब देंहटाएंप्यार भरी अच्छी रचना..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना है ! लिखते रहिये ! बधाई !
जवाब देंहटाएंआप सभी का हार्दिक धन्यवाद मेरे ब्लॉक पर आकर टिप्पणी देने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंजारी रखिये
जवाब देंहटाएंक्या ज़िंदा हूं मैं
जवाब देंहटाएंके बाद
हवाओं के नाम
प्यार का इज़हार
अच्छा लगा।
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जवाब देंहटाएंउपमाओं की छटा देखकर मन मेरा हर्षा है।
महा-प्रेम की इस रचना में अति निर्मल वर्षा है॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
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आपका धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंवहुत प्यारी रचना लगी आपके
जवाब देंहटाएंभाव सुन्दर हैं
धन्यवाद राजीव जी ब्लाक पर आने तथा टिप्पणी देने के लिए।
जवाब देंहटाएंbehad khoobsurat.wah.
जवाब देंहटाएंमृदुला जी आपका बहुत धन्यवाद।
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